होत्तेरी की! सुजीत श्रीवास्तव गोरखपुर डवलपमेंट अथाॅरिटी में कंप्यूटर आॅपरेटर को बना दिया नगर निगम जोन चार में जोनल अधिकारी?
अधिकारी गलत को गलत समझते हुए भी करता है, बार-बार करता है। यह एक समस्या है। छोटे-मोटे गलत काम तो अनजाने में हो जाती है, किन्तु बड़ी गलती कभी अनजाने में नहीं होती। बड़ी गलती अधिकारी जानबूझ कर करता है। लाला सुजीत श्रीवास्तव को उच्च पद पर बैठाना गलती की श्रेणी में नहीं आता है। जानबूझ कर किया गया है।
लखनऊ। जो शून्य है आज शिखर पर है और जो आज शिखर पर है कल दोबारा पतन की ओर जाएगा। यही तो समयचक्र है, जो कभी किसी का नहीं हुआ। नगर निगम में संकीर्ण मानसिकता के अधिकारी और नेता व्यवस्था को सुधारने के बजाए खराब करने में ज्यादा दिलचस्पी लेते है। नगर निगम लखनऊ में ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जो:प्रहरी मीमांसाः को यह बताते आ रहे हैं कि किस तरह से नगर निगम की बुनियाद को खोखली की जा रही है। पाठकों के लिए एक ही प्रमाण काफी है-लाला सुजीत श्रीवास्तव कंप्यूटर ऑपरेटर उर्फ जोनल अधिकारी को छायाचित्र में गौर से देखिए की गोरखपुर डवलपमेंट अथॉरिटी में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात रहे लाला सुजीत श्रीवास्तव जुगाड़ के बलबूते पर लखनऊ नगर निगम में उधारी पर आए, अकूत अवैध धन के स्वामी ने ऐसा गांधी की बरसात किया जिससे मंत्री से लेकर संतरी तक सभी तरबतर हो गए और लगभग तीन साल से नगर निगम में जोनल अधिकारी के कुर्सी पर कुंडली मारे हुए बैठा है? सुजीत को किसने दिया आॅफर्स और किससे हुई डील इसका खुलासा प्रहरी मीमांसा आगामी अंकों में करेगा।
लाला सुजीत श्रीवास्तव गीड़ा के कंप्यूटर बाबा, उधारी पर आए, नगर निगम में-जोनल अधिकारी कैसे बना दिए गए-इसका भी खुलासा जल्द करना जरूरी है।
नगर निगम लखनऊ में एक लम्बे समय से व्याप्त भ्रष्टाचार को भाजपा भी खत्म करने की पहल नहीं कर पा रही है। पूर्ववर्ती सरकारों की तरह भाजपा भी नगर निगम के भ्रष्टाचार में गोता लगा रही है। भाजपा को नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार से संघर्ष एवं उस पर विजय पाने के लिए यह एक अवसर है। भाजपा भ्रष्टाचार जैसे अंधेरों से संघर्ष करने के लिए ईमानदारी की संस्कृति को जीवंत बनाने की जरूरत है। प्रश्न है कौन इस संस्कृति को सुरक्षा दे? कौन आदर्शो के अयुदय की अगवानी करे? कौन जीवन- मूल्यों की प्रतिष्ठापना में अपना पहला नाम लिखवाए? बहुत कठिन है यह भ्रष्टाचार से संघर्ष करने का सफर।
कठिन है तेजस्विता की यह साधना। आखिर भाजपा सरकार कैसे संघर्ष करें भ्रष्टाचार से जब घर के आंगन में ही भ्रष्ट, महाभ्रष्ट, चोर उच्चके पैदा हो रहे हों तो ऐसी स्थित में योगी महराज को चिमटा से वार करने के सिवाय कोई और रास्ता भी नहीं बचता है।
योगी सरकार के गले की हड्डी बन चुका है लाला सुजीत श्रीवास्तव कंप्यूटर ऑपरेटर उर्फ जोनल अधिकारी एक लम्बे अरसे से नगर निगम लखनऊ में तैनात है और न्यूनतम मजदूरी ले रहे हैं वह भी जब नगर आयुक्त चाहते हैं तब? ऐसा भी नहीं है कि इस प्रकरण को नगर आयुक्त और अपर नगर आयुक्त नहीं जानते है? अब सवाल यह है कि जानते हुए ईमानदारी से कार्य क्यों नहीं किया गया? लाला सुजीत श्रीवास्तव को जोनल जैसे उच्च पद पर बैठाना गलती की श्रेणी में नहीं आता है। पूर्व नगर आयुक्त ने जानबूझ कर बैठाया गया है यह गलती नहीं है और जोकि क्षम्य भी नहीं है।
लाला सुजीत श्रीवास्तव कंप्यूटर बाबा किसके आशीर्वाद से नगर निगम में लूटपाट करते नजर आ रहे हैं। उनका इतिहास नगर निगम लखनऊ में छीःछीःछीः, थूःथूःथूः!हो रही है। इनके कारनामों से प्रदेश की भाजपा सरकार भी शर्मशार हो रही है।........कथानक जारी है